आज भी धरती पर मौजूद है ये लोग


भारत एक हिंदू बहुसंख्यक देश है और जैसा कि हम सब जानते हैं पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा स्थान है जहां सबसे ज्यादा संख्या में हिंदू धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं। पूरे विश्व में भारत की जो प्रसिद्धि है, वोह भारत के विभिन्न घटनाओं और रहस्यों के कारण है। ऐसा ही एक घटना हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ और साहित्य की प्राचीन कृतियों में से एक महाभारत की है जो आज भी लोगों के लिए जिज्ञासा का विषय है।

दोस्तों! इस महाकाव्य के रचयिता वेदव्यास हैं। इस महान काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र आदि के बारे में लोग आज भी जानना चाहते हैं। इसकी अद्भुत और रोचक घटनाएं इस ग्रंथ को और ज्यादा पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। महाभारत का एक ऐसा रहस्य है जिससे आप आज तक अवगत नहीं होंगे। तो दोस्तों! आइए जानते हैं महाभारत के उन 9 लोगों के बारे में जो आज भी पृथ्वी पर जीवित है हालांकि महाभारत के युद्ध में कुल 18 लोग बचे थे लेकिन आज हम आपको कुल 18 में से ऐसे 9 लोगों के बारे में बताएंगे जिनके बारे में सुनकर बिल्कुल हैरान हो जाएंगे। आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे क्या वाकई ऐसे लोग भी हमारे बीच में मौजूद हैं जो महाभारत काल से हैं?

जैसा कि हम सब जानते हैं की महाभारत की लड़ाई पांडवों और कौरवों के बीच लड़ी गई जो अंत में पांडवों की तरफ से 15 योद्धा और कौरवों की तरफ से तीन योद्धा जीवित बचे थे। हिंदुओं के दार्शनिक भगवान वेदव्यास के अनुसार कौरवों से जो तीन योद्धा बचे थे उनके नाम हैं- कृतवर्मा,कृपाचार्य और अश्वत्थामा जबकि पांडवों के जो 15 योद्धा शेष बचे थे उनके नाम हैं- युयुत्सु, युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल, कृष्ण, सहदेव आदि।

महाभारत के इस लड़ाई में काफी खून खराबा हुआ और बहुत जान-माल की क्षति हुई। महाभारत की इस लड़ाई को इतिहास में सबसे बड़ा युद्ध कहा जाता है। इस युद्ध से जुड़े 9 लोगों के बारे में इस आर्टिकल में जो उल्लेख किया जा रहा है इसे जानकर आपको काफी हैरानी होगी और यह जानने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या महाभारत की लड़ाई से जुड़े यह 9 लोग आज भी जीवित हैं?  इन पौराणिक कथाओं के अनुसार यह 9 लोग आज भी जीवित हैं। आस्था में डूबे लोग आज भी यह मानते हैं कि महाभारत के ये 9 योद्धा आज भी जीवित हैं। जिनमें सबसे पहले स्थान पर हैं हनुमान जी।

1, हनुमान जी- 

हनुमानजी के जीवित रहने का एक प्रमुख कारण है कि इनको अमर रहने का वरदान मिला हुआ है माता सीता ने स्वयं उन्हें अमरत्व का वरदान दिया था और इनकी मौजूदगी रामायण और महाभारत दोनों जगह पाई गई है। इसके अलावा कलयुग में भी कई बार हनुमान जी ने अपने ज़िंदा होने के सबूत पेश किए हैं ।

2, अश्वत्थामा-  गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा के बारे में हम लोगों ने इस चैनल के शुरुआती वीडियो में दिखाया था , अगर आप हमारे चैनल के रेगुलर व्यूअर हैं तो अश्वत्थामा के बारे में आप लोगों ने जाना ही होगा। कहा जाता है कि अश्वत्थामा के मस्तक में अमरमणि विराजमान है जिस कारण अश्वत्थामा आज भी जीवित व अमर हैं।

3, परशुराम-  परशुराम अर्थात परशु वाले राम। वे द्रोण, भीष्म और कर्ण जैसे महारथियों के गुरु थे। वे भगवान विष्णु का षष्ठम अवतार थे। उनकी मौजूदगी के बारे में आज भी कई किस्से मिल जाएंगे।4, ऋषि मार्कंडेय- ऋषि मार्कंडेय जो भगवान शिव के परम भक्त माने जाते हैं। कहा जाता है कि ऋषि मार्कंडेय ने शुरू के कुछ दिनों में कठोर तप करके महामृत्युंजय को पराजित कर अमर रहने का वरदान हासिल किया था।5, महर्षि व्यास-  महर्षि व्यास महाभारत महाकाव्य के लेखक। पाराशर और सत्यवती के पुत्र। इन्हें कृष्ण द्वैपायन के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे कृष्णवर्ण के थे तथा उनका जन्म एक द्वीप में हुआ था।

6, कृपाचार्य- कृपाचार्य हस्तिनापुर के ब्राह्मण गुरु। इनकी बहिन ‘कृपि’ का विवाह द्रोण से हुआ था। मान्यताओं के हिसाब से ये आज भी जीवित हैं।7, विभीषण – कहा जाता है कि विभीषण ने राम की महिमा को जानने के बाद युद्ध में अपने भाई रावण का साथ छोड़कर राम का साथ दिया था , और इसी कारण से राम ने रावण का वध किया था। जिसके बाद विभीषण को सदैव जीवित रहने का वरदान मिला।8, दुर्वासा-  दुर्वासा जो भगवान शिव के अग्नि से पैदा हुए थे।  कहा जाता है कि दुर्वासा सबसे क्रोधित भगवानों में से एक है। उनपर शिव जी की छाया है इसीलिए वो आज भी जिंदा हैं।

9, मयासुर- मयासुर रावण की पत्नी मंदोदरी के पिता अर्थात रावण के ससुर थे। देवताओं के शिल्पी विश्वकर्मा थे तो असुरों के शिल्पी मयासुर थे। मयासुर ने रामायण काल में कई विशालकाय भवनों और शस्त्रों का निर्माण किया था। रामायण के उत्तरकांड के अनुसार मयासुर, कश्यप ऋषि और उनकी पत्नी दिति का पुत्र था। यह ज्योतिष, वास्तु और शिल्प के प्रकांड विद्वान थे। इसका मतलब मयासुर सतयुग में भी था।

मयासुर ने ही महाभारत में युधिष्ठिर के लिए सभाभवन का निर्माण किया जो मयसभा के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसी सभा के वैभव को देखकर दुर्योधन पांडवों से ईर्षा करने लगा था और कहीं न कहीं यही ईर्षा महाभारत में युद्ध का कारण बनी। मयासुर ने द्वारका नगरी के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई थी। मयसुर ने दैत्यराज वृषपर्वन् के यज्ञ के अवसर पर बिंदुसरोवर के निकट एक विलक्षण सभागृह का निर्माण कर अपने अद्भुत शिल्पशास्त्र के ज्ञान का परिचय दिया था। मयासुर आज भी जिंदा है।

 तो दोस्तों महाभारत के इस वीडियो में जितने भी लोगों का वर्णन किया गया है वह सभी महाभारत से जुड़े हुए लोग थे और उन्होंने महाभारत के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी योद्धा अपने अपने छल कपट व कौशल से युद्ध में लड़े और जीवित रहे क्योंकि महाभारत को हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ में काफी रहस्यमई ग्रंथ माना जाता है । महाभारत को वेदव्यास ने रचा था लेकिन इसके लेखक गणेश जी थे और वाल्मीकि के रामायण के अनुसार महाभारत और रामायण की कुछ घटनाओं में काफी सामानता है।


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