राजस्थान के वित्त विभाग ने कैबिनेट के निर्णय पर मुहर लगाते हुए सरकारी कर्मचारियों के वेतन कटौती के आदेश जारी कर दिए हैं. अब हर महीने कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जाएगी. सितंबर महीने की सैलरी से वेतन कटौती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
वित्त विभाग के (आय-व्ययक अनुभाग) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अखिल भारतीय सेवा के सभी नियमित और प्रशिक्षु अधिकारियों का प्रतिमा 2 दिन का वेतन काटा जाएगा. केंद्र सरकार के सभी अधिकारियों नियमित या प्रशिक्षु का भी 2 दिन का वेतन काटा जाएगा. राज्य सेवा के सभी अधिकारियों नियमित या प्रशिक्षु का भी 2 दिन का वेतन काटा जाएगा. राज्य के अन्य समस्त अधिकारी एवं कार्मिक का दिन का वेतन काटा जाएगा.
इन पर भी लागू होगा कटौती का आदेश
वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार कटौती के दायरे में सभी निगम, बोर्ड, आयोग , सहकारी समितियों, स्वायत्तशासी संस्थाएं एवं उपक्रम आएंगे. कटौती से प्राप्त राशि सीएम रिलीफ फंड में जमा होगी. राशि का उपयोग कोरोना से प्रभावित लोगों के लिए किया जाएगा.
इन कार्मिकों की नहीं होगी वेतन कटौती
–कटौती का आदेश राजस्थान हाईकोर्ट/ अधीनस्थ न्यायालय के न्यायाधीश एवं अधिकारी/ कार्मिक पर लागू नहीं होगा.
–चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों-कार्मिकों के वेतन से भी नहीं होगी कटौती.
–एल-1 से एल-4 के वेतनमान में कार्यरत राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों की नहीं होगी वेतन कटौती.
कांस्टेबलों के वेतन में नहीं होगी कटौती.
गहलोत सरकार ने जारी किए अहम निर्देश
मालूम हो कि अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में नए निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि पृथक अधिनियम के तहत निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के नियमों के तहत दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं. अधिनियम में उल्लेखित शर्तों को पूरा करने के बाद समिति को निजी विश्वविद्यालय शुरू करने की अनुमति दी जाएगी.
उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त शासन सचिव डॉ. मोहम्मद नईम ने बताया कि नए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए स्थाई निधि की स्थापना किया जाना आवश्यक होगा. इसके अलावा विश्वविद्यालय के लिए समीपस्थ स्थान पर न्यूनतम 30 एकड़ भूमि होनी चाहिए. साथ ही प्रशासनिक और अकादमिक गतिविधियों के लिए न्यूनतम 10 हजार वर्ग मीटर पर इमारत का निर्माण कार्य किया जाना चाहिए. न्यूनतम 10 लाख रुपये अथवा विनियामक निकाय के मानकों के अनुरूप जो भी राशि हो उतनी कीमत की किताबों और जनरल आदि को खरीदना होगा. इसके अलावा इमारत के अतिरिक्त कम्प्यूटर, फर्नीचर और अन्य चल तथा अचल सम्पत्तियों पर न्यूनतम 20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे.