दुर्गा पूजा को लेकर बिहार सरकार ने गाइडलाइन जारी की हैं. इस बार सरकार के आदेश हैं कि कहीं भी कोई मेला नहीं लगेगा. किसी भी जगह लाउड स्पीकर का भी इस्तमाल वर्जित होगा. इसके अलावा पंडाल लगाने पर भी बैन है. हालांकि पंडाल के अलावा बाकी जगह खुली रहेंगी. हर साल की तरह इस साल पंडाल का निर्माण किसी विशेष थीम पर नहीं किया जा सकता. पंडाल या मंदिरों से सामूहिक प्रसाद वितरण पर भी रहेगी रोक.
संक्रमण को रोकने के लिए बिहार सरकार के गृह विभाग ने दिशा- निर्देश जारी किए हैं. दुर्गा पूजा हर साल की तरह भवय नहीं मनाई जाएगी. लोगों को अपने घरों में पूजा आयोजन करने की सलाह दी गई है. इसी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के भी नियमों को पालन करना होगा. इसके अलावा लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर भी राज्य सरकार ने रोक लगा दी है। सामूहिक प्रसाद वितरण पर भी रोक रहेगी। साथ में पंडाल का निर्माण किसी विशेष थीम पर नहीं किया जा सकता। हालांकि पंडाल के निर्माण पर रोक लगने से टेंट कारोबारी मायूस हैं। पंडाल व्यवसायिों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शहर केपूजा पंडालो के निर्माण से टेंट पंडाल व्यवसाय को काफी आमदनी होती रहती है। पूजा पंडाल की तैयारियां पंडाल निर्माता 6 महीने पहले ही शुरू कर देते थे। बता दें कि झारखंड सरकार ने भी दशहरा पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया था। झारखंड की हेमंत सरकार ने एक आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक इस बार नवरात्रि में देवी दुर्गा की प्रतिमा की ऊंचाई 4 फीट से ज्यादा नहीं रखी जाएगी। इस साल कोरोना वायरस के कारण सार्वजनिक आयोजनों पर बैन है. दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियों के निर्माण में भी कमी आई है. त्योहारों को लेकर सन्नाटा पसरा हुआ है. कोरोना के कारण इस बार बड़ी प्रतिमाएं नहीं बन रही हैं, परंपरा को निभाते हुए घरों में ही छोटी प्रतिमा बैठाई जाएगी.
बता दें कि झारखंड के जमशेदपुर में दुर्गा पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है लेकिन वहां इस आदेश के बाद मूर्ति बनाने वाले कलाकार परेशान हैं। मूर्ति बनाने वाले कलाकारों के अनुसार हर साल 8 फीट से लेकर 15 फीट तक की मूर्ति बनती थी और इन मूर्तियों की कीमत 15 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक होती थी। लेकिन सरकार के आदेश के बाद जो इस बार मूर्तियां बनाई जा रही हैं वो सिर्फ चार फीट की हैं। इनकी कीमत 4 हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक होगी। कलाकारों को इससे आर्थिक नुकसान होने का डर काफी सता रहा है। सरकार के इस फैसले से अब मूर्ति कलाकार परेशान हैं लेकिन वह सभी सरकार द्वारा जारी किये गए आदेश को मानने के लिए बाध्य हैं।