जब भी हम भगवान की पूजा -अर्चना करते है ! तो पुरे विधि -विधान से पुरी श्रद्धा से मन लगाकर करते है ! लेकिन उसके बावजूद भी हमसे बहुत सी गलतिया हो जाती है ! इसलिए कुछ लोग जब भी पूजा करते है तो उसके बाद भगवान से क्षमा प्राथना करते है ! लेकिन कुछ लोगो के इसके बारे में नही पता होगा ! तो हम आपको क्षमा याचना मन्त्र बताते है जिसे आप जब भी पूजा करे तो पूजा में यदि कोई भूल हो जाये तो उसके लिए क्षमा प्राथना कर सके और जब हम क्षमा प्राथना करते है तभी हमारी पूजा सफल होगी !
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे॥
मन्त्र का अर्थ
हे ईश्वर मैं आपका “आव्ह्न” अर्थात् हे भगवान मैं आपको बुलाना नही जानता हूँ ! न विसर्जनम अर्थात् न आपको विदा करना जानता हूँ ! हे ईश्वर न ही मुझे आपकी पूजा -अर्चना करने आती है ! कृपया मुझे क्षमा करे ! हे प्रभु न मुझे किसी मन्त्र का ज्ञान है और न ही क्रिया का ! मुझे तो आपकी भक्ति करनी भी नही आती ! जैसी भी हो वैसी पूजा कर रहा हूँ ! कृपया करके मेरे द्वारा हुयी भूलो को क्षमा करे ! मेरे द्वारा की गयी पूजा को कबूल कर पूर्णता प्रदान करो ! हे प्रभु मैं एक भक्त हूँ मुझसे बहुत सी भूल हो सकती है ! हे ईश्वर मुझे अपना बचा समझ कर क्षमा करो ! मेरे अंहकार को दूर करो और मुझे क्षमा करो ! मैं आपकी शरण में आया हूँ !
यदि आपको हमारी ये जानकारी पसंद आई हो तो लाईक, शेयर व् कमेन्ट जरुर करें !