रिपब्लिक भारत मीडिया का नाम पिछले दिनों टीआरपी स्कैम में आया है। रिपब्लिक टीवी पर टीआरपी से रिलेटेड डाटा में हेरफेर करने का आरोप लगा है। यहां तक कि रिश्वत देकर टीआरपी बढ़ाने की कोशिश की बात भी कही गई। इस मामले में मुंबई पुलिस ने BARC के रिलेशनशिप मैनेजर विशाल भंडारी को भी गिरफ्तार किया है। रिपब्लिक मीडिया अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए न्यूज़ चैनल इंडिया टुडे पर निशाना साध रहा है।
रिपब्लिक मीडिया ने खुलासा किया है कि FIR में इंडिया टुडे का नाम लिया गया था रिपब्लिक नेटवर्क का नहीं। वही अब इस मामले में एक ऑडियो सामने आया है जिसमें मुख्य चश्मदीद तेजल सोलानी ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के पत्रकार से बात करते हुए बहुत से खुलासे किए हैं। तेजल के मुताबिक उनके बेटे को टीआरपी में हेरफेर करने के लिए इंडिया टुडे से पैसे मिलते थे।
#RepublicFightsBack | FIR की कॉपी में इंडिया टुडे पर आरोप है। इंडिया टुडे पर पैसे देकर किसी की व्यूअरशिप बढ़ाने का आरोप है। लेकिन मुंबई पुलिस उनपर कार्रवाई नहीं करती है: अर्नब गोस्वामी- एडिटर इन चीफ, रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क
देखिए रिपब्लिक भारत LIVE https://t.co/G945HvzM0Z pic.twitter.com/hysgFTSZIr
— रिपब्लिक भारत (@Republic_Bharat) October 8, 2020
हंसा रिसर्च समूह प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया गया था कि BARC द्वारा लगाए गए बार-ओ मीटर के साथ बदलाव किए जाते हैं। आपको बता दे कि यह कंपनी BARC द्वारा तैयार किए गए बार-ओ मीटर इनस्टॉल करती है। गिरफ्तार हुए विशाल भंडारी ने पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं। विशाल ने बताया कि इंडिया टुडे जैसे कई बड़े चैनल उन्हें टीआरपी में बदलाव करने के लिए प्रेशराइज करते थे।
वही जिन घरों में बार-ओ मीटर लगाए गए थे उन्हें अपनी टीवी चालू रखने और चैनल को ज्यादा देखने के लिए पैसे दिए जाते थे। वही मुख्य चश्मदीद तेजल सोलानी ने भी बताया है कि उनके बेटे को इंडिया टुडे से टीआरपी में बदलाव करने के लिए रिश्वत मिलती थी। आपको बता दें कि तेजल सोलानी उन पांच लोगों में शामिल हैं जिनके आधार पर इस मामले में गिरफ्तारियां की गई है।
If the FIR mentions India Today, this channel should have been named too. By not naming it the @MumbaiPolice has unnecessarily complicated matters. The 'truth' might have surfaced but it must also prevail. | @MIB_India @PrakashJavdekar @BARCIndia | #TRPScam
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) October 9, 2020
मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि, रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के अलावा ऐसे दो और चैनल्स है जो टीआरपी स्कैम में शामिल है। उन्होंने बताया कि जिन घरों में BARC के मीटर इंस्टॉल किए जाते थे, यह चैनल उन्हें अपना चैनल देखने के लिए रिश्वत देते थे। इस तरह टीआरपी से जुड़े डाटा में हेरफेर की जाती थी।कमिश्नर ने आगे बताया कि इस मामले में अभी तक 2 लोगों की गिरफ्तारी हुई है जिसमें से एक BARC ग्रुप के रिलेशनशिप मैनेजर विशाल भंडारी है।
Friends
I have been summoned by Mumbai Police for fighting for #JusticeForSSR. I will follow the law and appear as per summons. I will continue to fight for truth. @republic will continue the fight even stronger. Keep supporting us.
रोक सको तो रोक लो। #RepublicFightsBack— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) October 9, 2020
उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में दो मराठी चैनल शामिल है। हालांकि जब रिपब्लिक मीडिया ने FIR की कॉपी देखी तो पता चला कि FIR में कहीं भी रिपब्लिक मीडिया का नाम नहीं है बल्कि इंडिया टुडे का नाम तीन बार लिया गया है। रिपब्लिक मीडिया के चीफ एडिटर अर्णब गोस्वामी के अनुसार कमिश्नर परमबीर सिंह उनके चैनल को झूठे आरोप में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि उनके चैनल है कमिश्नर से सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर सवाल किए थे। अर्नब गोस्वामी का कहना है कि उनका चैनल परमबीर सिंह के ऊपर मानहानि का केस करेगा।