24 घंटे धरती से अपने आप जलती रहती है 9 जवालाये


हिमाचल की धरती पर देवी का अनोखा चमत्कार….धरती से आपने आप ही जलती है ज्वाला ….माता सती से जुड़ा है इस पवित्र स्थान का रहस्य…दर्शन करने से मिलता है मनचाहा वर ….आखिर ऐसा क्या है इस स्थान में की बिना घी और तेल डाले अपने आप ही धरती पर जलती हैं यहाँ 9 ज्वालाएं, ये जानने के लिए लेख को पूरा पढ़े !

हिमाचल प्रदेश जिसे देव भूमि कहा जाता है के कांगड़ा से 30 किलो मीटर  की दुरी पर ज्वाला जी मंदिर स्थित है ! इस स्थान पर देवी सती की जीभ गिरने से यंहा पर अलग -अलग नौ ज्योतिय प्रकट हुयी थी  इसलिए यह मंदिर ज्योता वाली माता के नाम से भी प्रसिद्द है ! यंहा पर प्रकट हुयी ज्योतियों का अलग -अलग स्वरूप  महालक्ष्मी ,महाकाली , सरस्वती ,अम्बिका , हिंगलाज ,चंडी ,विंध्यवासिनी ,अन्नपूर्णा ,अन्जीदेवी है ! इस स्थान के बारे में एक पौराणिक कथा भी बहुत परिचलित है ! जो देवी ज्वाला जी ,अकबर  और  देवी के भक्त ध्यानु से सम्बन्धित है ! देवी का परम भक्त हिमाचल के नादौन गाँव का रहने वाला था ! एक बार देवी का भक्त देवी के दर्शन करने के लिए एक हजार यात्रियों के साथ जा रहा था !

 

 

बादशाह अकबर के सिपाहियों ने इतने सारे लोगो को एक साथ देखा तो उन्हें रोक लिया और अकबर के दरबार में उ नहे पेश किया गया !  ध्यानु से अकबर ने पूछा इतने सारे लोगो को लेकर तुम कन्हा जा रहे हो ! इस पर विनम्रता के साथ ध्यानु ने हाथ जोड़कर कहा हम सब देवी ज्वाला जी के दर्शन के लिए जा रहे है ! ये सब लोग देवी के भक्त है ! ये सब सुनकर अकबर ने कहा ये ये ज्वाला देवी कौन है और उसके दर्शन करने से क्या होगा ! इस पर ध्यानु  कहा  ज्वाला देवी ही समस्त संसार का पालन करने वाली है ! ज्वाला देवी अपने भक्तो की सचे मन से कीगई प्राथनाओं  को पूरा करती है ! सभी कष्टों को दूर करती है ! बिना तेल -बाती के वंहा देवी की शक्ति से ज्योत जलती रहती है !

यह सब सुन कर अकबर ने देवी की शक्ति को परखने की सोची और ध्यानु से कहा  यदि तुम्हारी इबादत इतनी पाक  है तो देवी तुम्हारी भक्ति मान जरुर रखेगी ! तुम्हारी ऐसी भक्ति हो कोई अर्थ नही यदि देवी तुम जैसे भक्तो का ख्याल न रखे तो या तुम्हारी भक्ति है झूठी है या देवी ही विशवास करने योग्य नही ! हम देखना  चाहते है  कितनी शक्ति है उस देवी में इसके लिए हम तुम्हारे घोड़े की गर्दन कट कर धड से अलग कर देंगे ! तुम्हारी देवी में इतनी शक्ति है तो देवी से बोलकर उसे पुन: जीवित करवा लो ! अकबर के कहे अनुसार घोड़े की गर्दन को धड से अलग कर दिया गया ! फिर अकबर को ध्यानु ने एक माह तक घोड़े के धड और गर्दन को सुरक्षित रखने के लिए प्राथना की ! ध्यानु की बात को मानकर अकबर ने उन्हें यात्रा पर जाने की अनुमति दे दी !

यात्रा करते -करते ध्यानु अपने साथियों के साथ देवी ज्वाला के दरबार तक पहुँच गया ! वंहा पर जाकर उन्होंने स्नान करने के पश्चात पूजा करके रात भर जागरण किया ! सुबह के समय जब आरती हो रही थी तब ध्यानु भक्त ने देवी को मन की सारी  बात बताई और कहा देवी तुम अन्तर्यामी हो तुम्हे सब पता है बादशाह अकबर मेरी भक्ति और  तुम्हारी शक्ति का इम्तिहान ले रहा है !  मेरे घोड़े को जीवित कर देना मेरी लाज रखना ! ध्यानु का इतना कहना था की देवी ने अपनी शक्ति से घोड़े को जीवित कर दिया !

 

 

घोड़े  को जीवित देखकर अकबर हैरान होगया और अपनी सेना के साथ ज्वाला जी पहुँच गया !  अबी भी अकबर के मन में शंका थी ! नौ ज्योतियों को बुझाने के लिए अपनी सेना से अकबर ने अकबर नहर बनवाई लेकिन फिर भी इन ज्योतियों को बुझा नही पाया ! अपने मन में पचास किलो का छत्र चडाने का अहंकार लिए हुए अकबर माँ के दरबार में पहुंचा ! जिसमे देवी ने कबूल न कर इसे लोहे का बना कर अकबर का घमंड तोड़ दिया था ! आज भी वो छत्र मंदिर में है !

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